केंद्रीय बजट 2025-26 की प्रमुख बातें | Highlights of Union Budget 2025-26
Highlights of Union Budget 2025-26 : भारत सरकार की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2025-26 प्रस्तुत किया। इस बजट की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं:
बजट अनुमान 2025-26 | Budget Estimates 2025-26
- कुल प्राप्तियां (ऋण को छोड़कर) – ₹ 34.96 लाख करोड़
- कुल व्यय – ₹ 50.65 लाख करोड़
- शुद्ध कर प्राप्तियां – ₹ 28.37 लाख करोड़
- राजकोषीय घाटा – जीडीपी का 4.4%
- सकल बाजार उधारी – ₹ 14.82 लाख करोड़
- पूंजीगत व्यय – ₹ 11.21 लाख करोड़ (जीडीपी का 3.1%)
कृषि को विकास का प्रथम इंजन | Agriculture as the 1st Engine of Development
प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना | Prime Minister Dhan-Dhaanya Krishi Yojana
- राज्य सरकारों के सहयोग से 100 जिलों में लागू की जाएगी।
- इन जिलों में कम उत्पादकता, मध्यम फसल तीव्रता और औसत से कम ऋण सुविधा वाले किसान शामिल होंगे।
- 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा।
ग्रामीण समृद्धि और स्थिरता | Building Rural Prosperity and Resilience
- कृषि क्षेत्र में कौशल विकास, निवेश, तकनीक और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए व्यापक कार्यक्रम।
- पहले चरण में 100 कृषि जिलों को कवर किया जाएगा।
आत्मनिर्भरता के लिए दाल मिशन | Aatmanirbharta in Pulses
- 6-वर्षीय मिशन शुरू किया जाएगा, जिसमें तूर, उड़द और मसूर दालों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- अगले 4 वर्षों में NAFED और NCCF इन दालों की खरीदी करेंगे।
सब्जी एवं फल उत्पादन बढ़ाने की योजना | Comprehensive Programme for Vegetables & Fruits
- उत्पादन बढ़ाने, आपूर्ति बेहतर करने, प्रसंस्करण और किसानों को लाभकारी मूल्य दिलाने हेतु राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यक्रम लागू होगा।
बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना | Makhana Board in Bihar
- मखाना उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन को बढ़ावा देने के लिए बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना होगी।
उच्च उपज वाले बीजों का राष्ट्रीय मिशन | National Mission on High Yielding Seeds
- बीज अनुसंधान को मजबूत करने और 100 से अधिक उच्च उपज वाली किस्मों के व्यावसायिक उपयोग के लिए यह मिशन शुरू किया जाएगा।
मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास | Fisheries Sector Development
- भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र और अंडमान-निकोबार एवं लक्षद्वीप द्वीप समूह में मत्स्य पालन को सतत रूप से विकसित करने के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
कपास उत्पादकता मिशन | Mission for Cotton Productivity
- 5-वर्षीय मिशन लागू किया जाएगा जिससे कपास उत्पादन की उत्पादकता और स्थिरता में सुधार होगा।
- अतिरिक्त लंबा रेशा (Extra-Long Staple) कपास के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों के लिए बढ़ी हुई ऋण सीमा | Enhanced Credit through KCC
- संशोधित ब्याज अनुदान योजना के तहत किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से लिए जाने वाले ऋण की सीमा ₹ 3 लाख से बढ़ाकर ₹ 5 लाख कर दी गई है।
असम में नया यूरिया संयंत्र | Urea Plant in Assam
- नामरूप, असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता का नया यूरिया संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
इस बजट का उद्देश्य कृषि, ग्रामीण विकास, आत्मनिर्भरता, और बुनियादी ढांचे को मजबूती देना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाई जा सके।

MSMEs: विकास का दूसरा इंजन (MSMEs AS THE 2ND ENGINE OF DEVELOPMENT)
MSME वर्गीकरण मानदंड में संशोधन (Revision in classification criteria for MSMEs)
- सभी MSMEs के लिए निवेश और टर्नओवर की सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना तक बढ़ाया जाएगा।
सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड (Credit Cards for Micro Enterprises)
- उधम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए विशेष रूप से अनुकूलित क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।
- इन क्रेडिट कार्ड्स की सीमा ₹5 लाख होगी।
- पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स (Fund of Funds for Startups)
- स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक नया फंड ऑफ फंड्स बनाया जाएगा।
- इस फंड का दायरा बढ़ाया जाएगा और ₹10,000 करोड़ का नया योगदान किया जाएगा।
पहली बार उद्यमी बनने वालों के लिए योजना (Scheme for First-time Entrepreneurs)
- अगले 5 वर्षों में 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के प्रथम बार उद्यम शुरू करने वालों को सहायता मिलेगी।
- इन उद्यमियों को अधिकतम ₹2 करोड़ तक का टर्म-लोन प्रदान किया जाएगा।
जूता और चमड़ा क्षेत्र के लिए फोकस प्रोडक्ट योजना (Focus Product Scheme for Footwear & Leather Sectors)
- भारत के जूता और चमड़ा उद्योग की उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने के लिए विशेष योजना लाई गई है।
- इस योजना से:
- 22 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
- ₹4 लाख करोड़ का कारोबार उत्पन्न होगा।
- ₹1.1 लाख करोड़ से अधिक का निर्यात किया जाएगा।
खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय (Measures for the Toy Sector)
- भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत उच्च गुणवत्ता, अनोखे, नवीन और टिकाऊ खिलौनों के उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को समर्थन (Support for Food Processing)
- बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (National Institute of Food Technology, Entrepreneurship and Management) की स्थापना की जाएगी।
मैन्युफैक्चरिंग मिशन – ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा (Manufacturing Mission – Furthering “Make in India”)
- छोटे, मध्यम और बड़े उद्योगों को कवर करने वाला एक राष्ट्रीय मैन्युफैक्चरिंग मिशन शुरू किया जाएगा।
- यह मिशन ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और आगे बढ़ाएगा।
योजना का नाम | लाभार्थी | मुख्य लाभ |
MSME वर्गीकरण संशोधन | सभी MSMEs | निवेश और टर्नओवर सीमा में वृद्धि |
सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड | उधम पोर्टल पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यम | ₹5 लाख की सीमा के साथ 10 लाख कार्ड |
स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स | स्टार्टअप्स | ₹10,000 करोड़ का नया योगदान |
प्रथम बार उद्यमी योजना | महिलाएं, SC/ST उद्यमी | ₹2 करोड़ तक का टर्म-लोन |
जूता और चमड़ा क्षेत्र की योजना | जूता और चमड़ा उद्योग | 22 लाख रोजगार, ₹4 लाख करोड़ का कारोबार |
खिलौना उद्योग योजना | खिलौना निर्माता | उच्च गुणवत्ता और टिकाऊ खिलौनों का निर्माण |
खाद्य प्रसंस्करण समर्थन | खाद्य उद्योग | बिहार में नया संस्थान |
मैन्युफैक्चरिंग मिशन | सभी उद्योग | ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा |
निष्कर्ष (Conclusion) भारत में MSMEs को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई महत्वपूर्ण योजनाएँ लागू कर रही है। ये योजनाएँ न केवल नए उद्यमों को शुरू करने में मदद करेंगी बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाएंगी। MSMEs को देश के विकास का दूसरा इंजन कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
निवेश: विकास का तीसरा इंजन (Investment as the 3rd Engine of Development)
लोगों में निवेश (Investing in People)
सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 (Saksham Anganwadi and Poshan 2.0)
- पोषण सहायता के लिए लागत मानदंडों को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाएगा।
अटल टिंकरिंग लैब्स (Atal Tinkering Labs)
- अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जाएंगी।
सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी (Broadband Connectivity to Government Secondary Schools and PHCs)
- भारतनेट परियोजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी।
भारतीय भाषा पुस्तक योजना (Bharatiya Bhasha Pustak Scheme)
- स्कूल और उच्च शिक्षा के लिए डिजिटल रूप में भारतीय भाषाओं की किताबें प्रदान करने हेतु योजना की घोषणा।
राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र (National Centres of Excellence for Skilling)
- ‘मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ निर्माण के लिए 5 राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
आईआईटी में क्षमता विस्तार (Expansion of Capacity in IITs)
- 2014 के बाद स्थापित 5 आईआईटी में 6,500 अधिक छात्रों को शिक्षा देने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा बनाया जाएगा।
शिक्षा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence in AI for Education)
- शिक्षा क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए ₹500 करोड़ की लागत से उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा का विस्तार (Expansion of Medical Education)
- अगले 5 वर्षों में 75,000 और अगले वर्ष 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी।
सभी जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर केंद्र (Day Care Cancer Centres in all District Hospitals)
- अगले 3 वर्षों में 200 कैंसर केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
शहरी आजीविका को मजबूत बनाना (Strengthening Urban Livelihoods)
- शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए नई योजना लागू की जाएगी।
पीएम स्वनिधि योजना (PM SVANidhi)
- इस योजना को नए सुधारों के साथ विस्तारित किया जाएगा, जिसमें ₹30,000 की सीमा वाले यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड और बैंक ऋण शामिल होंगे।
ऑनलाइन प्लेटफार्म श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना (Social Security Scheme for Welfare of Online Platform Workers)
- गिग वर्कर्स के लिए ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण, पहचान पत्र और पीएम जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
अर्थव्यवस्था में निवेश (Investing in the Economy)
इन्फ्रास्ट्रक्चर में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public Private Partnership in Infrastructure)
- अगले 3 वर्षों के लिए पीपीपी मोड में परियोजनाओं की रूपरेखा बनाई जाएगी।
राज्यों के लिए पूंजीगत व्यय सहायता (Support to States for Infrastructure)
- ₹1.5 लाख करोड़ का बिना ब्याज का 50 वर्षीय ऋण दिया जाएगा।
परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना 2025-30 (Asset Monetization Plan 2025-30)
- ₹10 लाख करोड़ की नई परियोजनाओं के लिए दूसरी परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना की घोषणा।
जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission)
- इस मिशन को 2028 तक विस्तारित किया जाएगा।
शहरी चुनौती कोष (Urban Challenge Fund)
- ‘विकास के केंद्र के रूप में शहर’ और ‘पानी एवं स्वच्छता’ के लिए ₹1 लाख करोड़ का कोष बनाया जाएगा।
विकसित भारत के लिए परमाणु ऊर्जा मिशन (Nuclear Energy Mission for Viksit Bharat)
- ₹20,000 करोड़ की लागत से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) विकसित किए जाएंगे।
नौवहन उद्योग को बढ़ावा (Shipbuilding)
- शिपबिल्डिंग वित्तीय सहायता नीति को नया रूप दिया जाएगा।
समुद्री विकास कोष (Maritime Development Fund)
- ₹25,000 करोड़ के समुद्री विकास कोष की स्थापना की जाएगी।
उड़ान – क्षेत्रीय संपर्क योजना (UDAN – Regional Connectivity Scheme)
- अगले 10 वर्षों में 120 नए गंतव्यों को जोड़ने और 4 करोड़ यात्रियों को परिवहन की योजना।
बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट (Greenfield Airport in Bihar)
- बिहार में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट और पटना एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा।
कोशी नहर परियोजना (Western Koshi Canal Project in Mithilanchal)
- बिहार में कोशी नहर पुनर्वास परियोजना के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
खनन क्षेत्र में सुधार (Mining Sector Reforms)
- आवश्यक खनिजों की पुनर्प्राप्ति के लिए नई नीति लाई जाएगी।
स्वामिह फंड 2 (SWAMIH Fund 2)
- ₹15,000 करोड़ की निधि से 1 लाख नए आवासीय इकाइयों का शीघ्र निर्माण।
पर्यटन के माध्यम से रोजगार वृद्धि (Tourism for employment-led growth)
- राज्यों के सहयोग से 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा।
नवाचार में निवेश (Investing in Innovation)
अनुसंधान, विकास और नवाचार (Research, Development and Innovation)
- ₹20,000 करोड़ की लागत से निजी क्षेत्र के अनुसंधान और नवाचार परियोजना को बढ़ावा।
डीप टेक फंड ऑफ फंड्स (Deep Tech Fund of Funds)
- नई पीढ़ी के स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए अन्वेषण।
पीएम अनुसंधान फैलोशिप (PM Research Fellowship)
- आईआईटी और आईआईएससी में 10,000 तकनीकी अनुसंधान फैलोशिप की योजना।
फसल जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक (Gene Bank for Crops Germplasm)
- भविष्य में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 लाख जर्मप्लाज्म लाइनों वाला दूसरा जीन बैंक स्थापित किया जाएगा।
राष्ट्रीय भू-स्थानिक मिशन (National Geospatial Mission)
- बुनियादी भू-स्थानिक डेटा और संरचना के विकास के लिए मिशन।
ज्ञान भारतम मिशन (Gyan Bharatam Mission)
- 1 करोड़ से अधिक पांडुलिपियों के संरक्षण और सर्वेक्षण के लिए मिशन की घोषणा।
भारत में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ये योजनाएँ लागू की जा रही हैं, जो आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
विकास का चौथा इंजन: निर्यात (Exports as the 4th Engine of Development)
निर्यात संवर्धन मिशन (Export Promotion Mission)
- वाणिज्य मंत्रालय, एमएसएमई और वित्त मंत्रालय के सहयोग से निर्यात संवर्धन मिशन स्थापित किया जाएगा।
भारत ट्रेडनेट (BharatTradeNet)
- अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए ‘भारत ट्रेडनेट’ (BTN) प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा, जिससे व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्तीय समाधान को सरल बनाया जा सके।
वैश्विक क्षमता केंद्रों के लिए राष्ट्रीय ढांचा (National Framework for GCC)
- उभरते टियर-2 शहरों में वैश्विक क्षमता केंद्रों (Global Capability Centres) को बढ़ावा देने हेतु एक राष्ट्रीय ढांचा विकसित किया जाएगा।
वित्तीय क्षेत्र में सुधार और विकास (Financial Sector Reforms and Development)
बीमा क्षेत्र में एफडीआई (FDI in Insurance Sector)
- बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की सीमा 74% से बढ़ाकर 100% की जाएगी, बशर्ते कंपनियां पूरा प्रीमियम भारत में निवेश करें।
नाबफिड द्वारा क्रेडिट सुविधा (Credit Enhancement Facility by NaBFID)
- नाबफिड (NaBFID) द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए ‘आंशिक क्रेडिट वृद्धि सुविधा’ स्थापित की जाएगी।
ग्रामीण क्रेडिट स्कोर (Grameen Credit Score)
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ग्रामीण क्षेत्रों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए ‘ग्रामीण क्रेडिट स्कोर’ ढांचा विकसित करेंगे।
निवेश अनुकूलता सूचकांक (Investment Friendliness Index of States)
- प्रतिस्पर्धी संघीयता को बढ़ावा देने के लिए 2025 में ‘निवेश अनुकूलता सूचकांक’ लॉन्च किया जाएगा।
जन विश्वास बिल 2.0 (Jan Vishwas Bill 2.0)
- 100 से अधिक कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने के लिए जन विश्वास बिल 2.0 लाया जाएगा।
भाग बी (PART B) (Income tax slabs)
प्रत्यक्ष कर (Direct Tax)
आय सीमा (Income Range) | कर दर (Tax Rate) |
0-4 लाख रुपये | शून्य |
4-8 लाख रुपये | 5% |
8-12 लाख रुपये | 10% |
12-16 लाख रुपये | 15% |
16-20 लाख रुपये | 20% |
20-24 लाख रुपये | 25% |
24 लाख रुपये से अधिक | 30% |
- नए कर ढांचे के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा।
- वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये होगी।
- नए आयकर विधेयक को सरल और स्पष्ट बनाया जाएगा, जिससे कर विवाद कम हों।
टीडीएस/टीसीएस में संशोधन (TDS/TCS Rationalization)
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये की जाएगी।
- किराए पर टीडीएस सीमा 2.40 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये की जाएगी।
अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax)
औद्योगिक वस्तुओं के लिए सीमा शुल्क संरचना का सरलीकरण (Rationalization of Customs Tariff Structure for Industrial Goods)
- सात अतिरिक्त शुल्क दरों को समाप्त किया जाएगा।
- कुछ वस्तुओं पर प्रभावी कर घटना थोड़ी कम होगी।
- 82 टैरिफ लाइनों पर ‘सोशल वेलफेयर सरचार्ज’ हटाया जाएगा।
जीवनरक्षक दवाओं पर राहत (Relief on Import of Drugs/Medicines)
- 36 जीवनरक्षक दवाओं को बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा।
- 6 महत्वपूर्ण दवाओं पर 5% की रियायती सीमा शुल्क लगाया जाएगा।
घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा (Support to Domestic Manufacturing and Value Addition)
- लिथियम-आयन बैटरी के स्क्रैप और 12 अन्य महत्वपूर्ण खनिजों पर सीमा शुल्क हटाया जाएगा।
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर BCD में संशोधन किया जाएगा।
- शिपिंग क्षेत्र में जहाज निर्माण के लिए कच्चे माल पर सीमा शुल्क छूट 10 वर्षों तक बढ़ाई जाएगी।
निर्यात संवर्धन (Export Promotion)
- हस्तशिल्प वस्तुओं के निर्यात की समय सीमा 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की जाएगी।
- 9 नई वस्तुओं को शुल्क-मुक्त इनपुट सूची में जोड़ा जाएगा।
- चमड़ा उद्योग और समुद्री उत्पादों पर सीमा शुल्क में छूट दी जाएगी।
व्यापार सुविधा (Trade Facilitation)
- आयातित सामग्रियों के अंतिम उपयोग की समय सीमा 6 महीने से बढ़ाकर 1 वर्ष की जाएगी।
- आयातकों/निर्यातकों को मासिक के बजाय तिमाही विवरण प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाएगी।
यह सभी सुधार भारत को व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाने में मदद करेंगे, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।(Reference- https://www.indiabudget.gov.in/)
निष्कर्ष (Conclusion) of Highlights of Union Budget 2025-26
केंद्रीय बजट 2025 का उद्देश्य भारत में सभी के जीवन को बेहतर बनाना है। यह सड़कों, रेलमार्गों और अन्य महत्वपूर्ण चीजों के निर्माण पर अधिक धन खर्च करने की योजना बना रहा है। सरकार चाहती है कि किसान अधिक भोजन उगाएं और सुनिश्चित करें कि सभी के पास पर्याप्त भोजन हो। वे करों को कम कर रहे हैं ताकि परिवार अधिक पैसा बचा सकें और अपनी आवश्यकताओं की चीजें खरीद सकें। यह सब करके, सरकार हमारे देश को मजबूत बनाना चाहती है और सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी लोग खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकें।
See Also:
कारीगरों का सम्मान: पीएम विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Scheme)