एनपीएस वात्सल्य योजना/NPS Vatsalya Scheme: अब बच्चों के लिए भी एक क्रांतिकारी पेंशन योजना
भारत सरकार ने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नई बचत सह पेंशन योजना, एनपीएस वात्सल्य योजना (NPS Vatsalya Scheme) लॉन्च की है। इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2024-25 में पेश किया। यह योजना नाबालिगों के लिए विशेष रूप से बनाई गई है ताकि बच्चों के भविष्य के लिए बचत की आदत को बढ़ावा मिल सके। इसके तहत बच्चों को PRAN- Permanent Retirement Account Number (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) कार्ड वितरित किये जायेंगे ।
एनपीएस वात्सल्य योजना मुख्य विशेषताएं/ NPS Vatsalya Scheme Key Features:
- योजना का उद्देश्य नाबालिगों के लिए लंबी अवधि की वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
- इस योजना के तहत माता-पिता हर महीने कम से कम ₹1,000 जमा कर सकते हैं, और अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं है।
- जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो खाता उसके नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाता है और वह इसे एनपीएस या अन्य गैर-एनपीएस योजना में बदल सकता है।
एनपीएस वात्सल्य योजना खाता खोलने और प्रबंधन:
- कौन खुलवा सकता है?: इस योजना के तहत 18 साल तक के सभी भारतीय नाबालिग खाता खोल सकते हैं।
- कैसे खुलवाएं?: जब तक बच्चा 18 साल का न हो जाए, खाता माता-पिता द्वारा संचालित किया जाएगा । खाता खोलने के लिए पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के तहत रजिस्टर्ड बैंकों और इंडिया पोस्ट के PoPs (पॉइंट्स ऑफ प्रेसेन्स) में खाता खोला जा सकता है।
- ऑनलाइन विकल्प: आप ऑनलाइन eNPS प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी खाता खोल सकते हैं, जो आसान और सुरक्षित है।
आवश्यक दस्तावेज़:
जन्म प्रमाण पत्र (बच्चे का)/ Proof of date of Birth for the child | जैसे कि बर्थ सर्टिफिकेट, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र आदि। |
अभिभावक का KYC/ KYC of the Guardian | आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर ID आदि। |
अभिभावक का पैन (PAN) कार्ड या फॉर्म 60/ PAN or Form 60 of the Guardian | |
यदि अभिभावक NRI (Non-Resident Indian)/ OCI (Overseas Citizen of India) हैं | तो नाबालिग के NRE/NRO बैंक खाता की जानकारी |
योगदान और निवेश के विकल्प:
- खाता खोलने के लिए न्यूनतम योगदान: ₹1,000 है, और कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
- नियमित योगदान: वार्षिक कम से कम ₹1,000 का योगदान आवश्यक है।
निवेश विकल्प:
अभिभावकों के पास निवेश के प्रबंधन के लिए पीएफआरडीए (PFRDA) के साथ पंजीकृत निम्नलिखित विभिन्न पेंशन फंडों में से चयन करने की सुविधा है।
सं | निवेश विकल्प | विशेषताएं | |
1 | डिफ़ॉल्ट विकल्प मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड (LC-50) | निवेश का 50% इक्विटी में इन्वेस्ट करता है । इसे मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड का नाम दिया गया है (LC-50) | |
2 | ऑटो चॉइस | एग्रेसिव LC-75 | 75% इक्विटी में निवेश, उच्च जोखिम के लिए |
मॉडरेट LC-50 | 50% इक्विटी में निवेश, संतुलित | ||
कंजरवेटिव LC-25 | 25% इक्विटी में निवेश, कम जोखिम | ||
3 | एक्टिव चॉइस | इस विकल्प के तहत¸ अभिभावक निवेश पर पूरा नियंत्रण कर सकेंगे। 75% तक इक्विटी में, 100% तक कॉर्पोरेट डेट एवं सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities), और डायवर्सिफिकेशन हेतु के लिए वैकल्पिक परिसंपत्तियों में 5% तक निवेश कर सकते हैं |
18 वर्ष के बाद खाता परिवर्तन
जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो एनपीएस वात्सल्य खाता/ NPS Vatsalya Account बिना किसी रुकावट के एनपीएस टियर-1 (ऑल सिटिजन) खाते में परिवर्तित हो जाएगा । 18 साल पूरे होने के 3 महीने के अंदर नया KYC पूरा करना होगा। इसके बाद, एनपीएस टियर-1 के नियम लागू होते हैं और नाबालिग की वित्तीय सुरक्षा और निवेश के अवसर जारी रहते हैं।
एनपीएस वात्सल्य कैलकुलेटर/ NPS Vatsalya Calculator:
उदाहरण हेतु- इस योजना के तहत, अगर माता-पिता 18 साल तक हर साल 10,000 रुपये जमा करते हैं, तो 10% की अनुमानित रिटर्न दर (RoR) पर, यह राशि करीब ₹5 लाख तक बढ़ सकती है। अगर निवेशक 60 साल की उम्र तक जमा करते रहते हैं, तो अलग-अलग रिटर्न दर के हिसाब से जमा की हुई कुल रकम अलग-अलग हो सकती है। 10% RoR (रेट ऑफ़ रिटर्न/ प्रतिफल दर) पर, यह जमा करीब 2.75 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
निष्कर्ष
एनपीएस वात्सल्य योजना/ NPS Vatsalya Scheme नाबालिगों के लिए वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना बच्चों में बचत की आदत को प्रोत्साहित करती है और चक्रवृद्धि ब्याज (Compounding) के माध्यम से लंबी अवधि में धन संचय करने का अवसर प्रदान करती है।
अभिभावकों के लिए यह एक सुनहरा विकल्प है, जिसमें वे अपने निवेश को अपने जोखिम और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार समायोजित कर सकते हैं। 18 साल बाद खाता एनपीएस में बदलकर भविष्य में भी निवेश और सुरक्षा जारी रहती है।यह योजना भारत सरकार की वित्तीय योजना को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे न केवल वर्तमान पीढ़ी तथा भविष्य की पीढ़ियों को भी लाभ होगा।
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